नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 637 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में अरविंद रेमेडीज लिमिटेड और इसके प्रमोटर अरविंद बी. शाह से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है। इस सिलसिले में चेन्नई, कोलकाता और गोवा में छापेमारी की कार्रवाई चल रही है।
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क्या है पूरा मामला?
यह मामला पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की शिकायत के बाद सामने आया। पीएनबी ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी कि अरविंद रेमेडीज लिमिटेड और उसके प्रमोटरों ने बैंकिंग सिस्टम को करीब 637 करोड़ का चूना लगाया है। यह धोखाधड़ी सिर्फ पीएनबी तक सीमित नहीं थी, बल्कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, इलाहाबाद बैंक, करुर वैश्य बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक जैसे अन्य बैंकों के साथ भी की गई। इन सभी बैंकों ने कंपनी को कुल 704 करोड़ से ज्यादा का लोन दिया था।
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294 बैंक खातों की हुई जांच
जांच में पता चला है कि कंपनी ने लोन की रकम को कारोबार में लगाने के बजाय, उसे फर्जी कंपनियों (शेल कंपनियों) और बेनामी खातों के जरिए निकाल लिया। ईडी ने कंपनी और उसके प्रमोटरों से जुड़े 294 बैंक खातों की जांच की, जिसमें यह बात साफ हो गई। इस धोखाधड़ी के कारण, 2014 से 2015 के बीच इन सभी बैंकों के खाते गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित कर दिए गए थे।
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