नई दिल्ली: Drug Mafia Pawan Thakur: विदेशी धरती पर मोजूद ड्रग्स माफियाओं की अब खैर नहीं. भारत के बड़े ड्रग्स माफिया दुनिया भर में कहीं भी छुपे हों. भारत की सेंट्रल एजेसिया उन पर शिकंजा कस रही हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री की ड्रग्स के खिलाफ मुहिम में एनसीबी को मिली बड़ी कामयाबी मिली है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 2500 करोड़ की ड्रग्स तस्करी के एक मामले में पहली बार इंटरपोल की मदद से सिल्वर नोटिस जारी करवाया है. दिल्ली से दुबई तक इस ड्रग माफिया का कारोबार फैला हुआ है.
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इंटरपोल के जरिए पहला सिल्वर नोटिस जारी
दिल्ली में नवंबर 2024 में हुई करीब 82 किलो कोकीन बरामद हुई थी. इसकी क़ीमत करीब 2500 करोड़ रुपये है, उस मामले में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने इंटरपोल की मदद से पहला सिल्वर नोटिस जारी करवाया है, जो दुबई में छिपे फरार आरोपी पवन ठाकुर के खिलाफ है. NCB की जांच में सामने आया है कि पवन ठाकुर ही इस पूरी तस्करी का मास्टरमाइंड है. उसने भारत के एक पोर्ट के जरिए कोकीन की खेप मंगवाई और फिर ट्रक से उसे दिल्ली तक पहुंचाया गया. दिल्ली में उसके साथी इस माल को गोदाम में रखते थे और आगे सप्लाई का इंतजाम करते थे.
दिल्ली से दुबई तक फैला पवन ठाकुर का हवाला नेटवर्क
एनसीबी को जांच में ये भी पता चला है कि पवन ठाकुर का हवाला नेटवर्क दिल्ली और दुबई दोनों जगह फैला हुआ है. इसी नेटवर्क के जरिए वह नशे के धंधे से कमाए काले धन को सफेद करता था. इस वक्त वो दुबई में बैठकर अपनी पूरी ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग सिंडिकेट चला रहा है. अब इस ड्रग के तस्कर पर शिकंजा कस रहा है. इंटरपोल का ये सिल्वर नोटिस अब दुनियाभर की एजेंसियों को मदद करेगा, ताकि आरोपी के काले धन से खरीदी गई संपत्तियों का पता लगाया जा सके. इंटरपोल के सभी सदस्य देशों की एजेंसियां अब NCB को जानकारी साझा कर सकेंगी और उसकी अवैध संपत्तियों को ट्रेस करने में मदद मिलेगी और इस नोटिस के जारी होने के बाद उसकी संपत्ति दुनिया के किसी भी कोने में हो जब्त हो जाएगी.
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ड्रग्स के बड़े सिंडिकेट्स को खत्म करने की कवायद
NCB ने अपील की है कि सभी देश इस मामले में सहयोग करें और फरार आरोपी की संपत्तियों व कारोबार से जुड़ी जानकारी दें. भारत की ये एजेंसी लगातार अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर ड्रग्स के बड़े सिंडिकेट्स को खत्म करने और उनकी फाइनेंशियल सप्लाई रोकने पर काम कर रही है. अब सबकी नजर इस बात पर है कि पवन ठाकुर की कितनी और कहां-कहां संपत्तियां सामने आती हैं और कब तक उसे कानून के शिकंजे में लाया जा सकेगा. इतना ही नहीं ड्रग्स माफिया पवन ठाकुर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच भी जारी है. यह मामला हवाला और क्रिप्टो करंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. इसमें भारत, यूएई, चीन, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग समेत कई देशों की शेल कंपनियों और फर्जी डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल हुआ है.
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अब तक की जांच में सामने आया है कि इस सिंडिकेट ने 681 करोड़ रुपये से ज़्यादा की अवैध कमाई को फर्जी आयात-निर्यात, क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन और क्रिप्टो ट्रांसफर के जरिए यहां से वहां किया गया. लेकिन पवन ठाकुर लगातार जांच से बचता रहा और ईडी द्वारा भेजे गए कई समन के बाद भी पेश नहीं हुआ ,इसलिए पटियाला हाउस कोर्ट ने उसके खिलाफ इसी मामले में गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. आपको अब बताते है आखिर पवन ठाकुर कौन है और कैसे ये इंटरनेशनल ड्रग्स माफिया बना.
14 नवंबर 2024 को दिल्ली के नांगलोई में करीब 81 किलो बेहतरीन क्वालिटी की कोकीन पवन ठाकुर के ठिकाने से बरामद की गई, जिसकी इंटरनेशनल बाजार में कीमत करीब 2500 करोड़ आंकी गई थी. इस मामले में पवन ठाकुर के 5 साथी गिरफ्तार किए गए थे. इस 2500 करोड़ की कोकीन का किंगपिन पवन ठाकुर था, जो परिवार सहित दुबई भाग गया था. पवन ठाकुर दिल्ली के कुचा महाजनी में एक हवाला आपरेटर के तौर पर काम करता था और देखते ही देखते वो ड्रग्स के धंधे से जुड़ गया. 2500 करोड़ की कोकीन मेक्सिको से कंटेनर के जरिये भारत मंगवाई गई थी, जिसके बाद इस कोकीन को मोटे दाम पर आस्ट्रेलिया भेजा जाना था. पवन ठाकुर सोनीपत का रहने वाला है और एजेंसी से बचने के लिए पूरे परिवार के साथ दुबई सेटल हो गया. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, दुबई में कई हजार करोड़ की प्रॉपर्टी लक्जरी गाड़ियों का साम्राज्य पवन ठाकुर ने बनाया हुआ है. दुबई हील्स में पवन ठाकुर का एक विला भी बताया जाता है.
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विदेशों में भारत मोस्ट वांटेड ड्रग्स माफिया
- विदेश में 125 से ज्यादा छोटे बड़े ड्रग्स माफिया एक्टिव है और भारत के मोस्ट वांटेड हैं.
- 21 वांटेड के खिलाफ ब्लू कार्नर नोटिस जारी किया गया है.
- 10 के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हुआ है.
- एक सिल्वर नोटिस जो NCB का पहला नोटिस है.
- 3 प्रत्यर्पण रिक्वेस्ट इंटरपोल के जरिये अलग-अलग देशों को वांटेड ड्रग्स माफिया की भेजी गई हैं.
- एनसीबी इस साल 4 बड़े ड्रग्स माफियाओं को डिपोर्ट कर भारत लाई है, जिनमें नवीन चिचकर और लीजो जोश शामिल हैं.
कुल मिलकर एनसीबी अब ड्रग्स के इंटरनेशन सिंडिकेट को भारतपोल और इंटरपोल के जरिए तोड़ने में लगी है.