कोरबा – जिले में डी.एम.एफ. से करोड़ों रुपए का फंड मिलने के बाद भी शहरी एवं उपनगरीय क्षेत्रों की सड़को की हालत बद से बत्तर हो गई है। बदहाल सड़क में भारी वाहनों के दबाव होने के कारण लोग मौत के साए में गुजरने को मजबूर हो गए हैं। सड़क की दुर्दशा को देखकर लोग “सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों पर सड़क” यह तक कहते हुए नजर आ रहे हैं। लंबे समय से सड़क की बदहाल स्थिति को सुधार कर पाने में पूरा सिस्टम नाकाम नजर आ रहा है जिसके कारण कभी भी बड़ी अनहोनी घटना हो सकती है जिसमें जान माल का भी खतरा बना हुआ है।
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ताजा मामला बालको रूमगढ़ा मार्ग का है। सड़क की हालत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है, पुल पुलिया भी खराब हो चुके हैं, जगह-जगह पर गड्ढे बन गए हैं। बरसात का समय होने के कारण गढ्ढों में जल भराव हो गया है जिसके कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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इस मार्ग में प्रतिदिन हजारों की संख्या में भारी वाहनों का आवागमन होता रहता है। कोयला एवं राखड़ परिवहन करने वाले भारी वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा है, ऐसे भारी वाहन दिन भर सड़क पर दौड़ रहे हैं जिसके कारण पैदल साइकिल दुपहिया एवं चार पहिया वाहनों से चलने वाले लोगों को भारी दिक्कत हो रही है।
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सड़क को लेकर जिम्मेदारी किसकी है यह तो प्रशासन ही बता सकता है, लेकिन बालको क्षेत्र की इस दुर्दशा को देखकर बालको प्रबंधन की लापरवाही जरूर कहा जा सकता है। ऐसे बदल सड़क को लेकर बालको प्रबंधन द्वारा सुधार कराने ठोस कदम क्यों नहीं उठाई जा रही है यह समझ से परे हैं। क्या जिम्मेदार को किसी बड़ी अनहोनी घटना का इंतजार है या फिर सड़कों का काम केवल कागजों में दौड़ रहा है।