नई दिल्ली: पहलगाम हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. इस कार्रवाई के दौरान भारत ने एक घंटे के अंदर पीओके और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मौत के घाट उतार दिए गए.
भारत की इस सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी हमला किया, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया. इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष छिड़ गया और करीब 87 घंटे तक भीषण जंग हुई.
भारत ने इस दौरान पाकिस्तान पर एक से एक हमले किए, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल से लेकर कई घातक हथियार शामिल हैं. इसमें पाकिस्तान के करीब 11 एयरबेस तबाह हो गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान के दो JF-17, एक F-16 को भी मार गिराया. इसके अलावा पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 को भी नेस्तनाबूत कर दिया था. भारत की ओर से हुए इस करारे हमले में पाकिस्तान को तगड़ा नुकसान हुआ था और महज तीन दिन के अंदर वह सीजफायर के लिए राजी हो गया. ऐसे में सवाल यह है कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुई इस सैन्य कार्रवाई में दोनों देशों को कितना नुकसान हुआ? पाकिस्तान के मुकाबले भारत का नुकसान ज्यादा था या कम और हर रोज इस जंग में कितना खर्चा हुआ?
क्या कहती हैं रिपोर्ट?
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया संघर्ष के बाद अलग-अलग रिपोर्ट सामने आई हैं, जिसमें दोनों देशों के तनाव के चलते सैन्य, व्यापारिक और अन्य नुकसान का आंकलन किया गया है. ऐसी ही एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हालिया संघर्ष में पाकिस्तान का कुल वित्तीय नुकसान 18 से 22 बिलियन डॉलर होने की संभावना है. इसमें प्रत्यक्ष सैन्य नुकसान 1.75 से 1.9 बिलियन डॉलर है और अन्य आर्थिक नुकसान 16 से 20 बिलियन डॉलर के आसपास होने के करीब है. हालांकि, ये आंकड़े अनुमानित हैं.
हर घंटे इतना हो रहा था खर्च
भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव से संबंधित इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया है कि 87 घंटे तक चली इस जंग में हर घंटे 1 बिलियन डॉलर खर्च हो रहे थे, एक दिन में करीब 20 बिलियन डॉलर. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर यह जंग आगे बढ़ती और पूरे महीने चलती तो यह खर्च 500 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो सकता था, जिसमें भारत को ही अकेले करीब 400 बिलियन डॉलर का झटका लग सकता था. ऐसी ही एक रिपोर्ट फॉरेन अफेयर्स फोरम के विश्लेषण के बाद सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमित टकराव में भारत को प्रतिदिन 1460 करोड़ रुपये से लेकर 5000 करोड़ रुपये तक नुकसान हो सकता है. हालांकि, इन रिपोर्टों में सिर्फ सैन्य नुकसान का आंकलन नहीं किया गया है, इसमें व्यापार, निवेश, शेयर बाजार जैसी चीजों को भी आधार बनाया गया है.