उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा सामने आए ‘लव जिहाद’ के मामले की पुलिस जांच कर रही है। हिंदू नाम रखकर लड़कियों को फंसाकर, उनके साथ दुष्कर्म कर अश्लील वीडियो बनाकर और फिर ब्लैकमेल करने वाले के आरोपियों को शुक्रवार को पुलिस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस को आशंका थी कि आरोपियों के साथ कोर्ट परिसर में मारपीट हो सकती है। इसके लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन खतरे को देखते हुए पुलिस ने उन्हें वीसी के जरिए पेश किया। न्यायालय ने सभी आरोपियों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
बिरलाग्राम थाना प्रभारी अमृत बागड़ी ने बताया कि गुरुवार रात पुलिस की टीम गश्त पर थी। इस दौरान बीसीआई परिसर के खंडहर में कुछ संदिग्ध युवक घूमते हुए नजर आए। पुलिस को देखकर वे भागने लगे, इस दौरान उनके मोबाइल और पेन ड्राइव वहीं गिर गए। जिनकी जांच की तो उसमें कई अश्लील वीडियो मिले। इसके बाद मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देकर जांच शुरू की गई। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर, पुलिस के हाथ मोबाइल और पेन ड्राइव नहीं लगती तो दरिंदगी का यह खेल और लंबा चलता।
कौन हैं पकड़े गए आरोपी?
पुलिस के अनुसार, गिरोह का सरगना नागदा की इंदिरा कॉलोनी में रहने वाला सूफियान पिता सलीम है। अन्य आरोपी हैं- सोहेल उर्फ वासीद पिता अजीज मंसूरी निवासी रंगोली गार्डन, उस्मान और वीरु देवीलाल सिलावट निवासी चेतनपुरा, सोहेल निवासी रंगोली गार्डन, तोहिद निवासी चंबल कॉलोनी है। एक आरोपी अरुण मुकेश वर्मा अभी फरार है, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम केदारनाथ रवाना हुई है।
कोर्ट परिसर में आरोपियों पर हमले का डर
जानकारी के अनुसार, पुलिस सभी आरोपियों को शुक्रवार शाम करीब 4 बजे कोर्ट में पेश करना चाहती थी, लेकिन संभावित हमले की सूचना के चलते उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया। सुरक्षा के मद्देनजर टीआई अमृतलाल गवरी, टीआई जितेंद्र पाटीदार के साथ पुलिस बल तैनात किया गया और कुछ जवानों को सिविल ड्रेस में लगाया गया। इसके बाद आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई गई। कोर्ट ने सभी आरोपियों को तीन दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया।
वकीलों ने किया बहिष्कार, नहीं लड़ेंगे केस
अभिभाषक संघ की पुस्तकालय सचिव कांता सरोज ने बताया कि संघ ने निर्णय लिया है कि इस मामले में कोई वकील आरोपियों की पैरवी नहीं करेगा। पीड़िताओं को शीघ्र न्याय दिलाने के उद्देश्य से केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, इसके लिए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी आवश्यक है।
पेन ड्राइव में रखते थे वीडियो
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनके अश्लील वीडियो बनाते थे और उन्हें पेन ड्राइव में ट्रांसफर कर सुरक्षित रख लेते थे। ताकि, मोबाइल चेक करने पर किसी को यह वीडियो न मिलें। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह केवल आपस में ही वीडियो शेयर करते थे। इन्हें किसी भी सोशल मीडिया या साइट पर अपलोड नहीं किया गया है। हालांकि, पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है।
पुलिस टीम को मिलेगा इतने का इनाम
एसपी प्रदीप शर्मा ने मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 10,000-10,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगर, गश्त के दौरान मुस्तैदी नहीं होती तो यह गंभीर मामला सामने नहीं आता। पीड़ित युवतियों ने भय और शर्म के कारण किसी को घटना की जानकारी नहीं दी थी।
बिछड़ौद में भी हुआ था खुलासा
कुछ समय पहले उज्जैन के बिछड़ौद में भी इस तरह का मामला सामने आया था। जिसमें आरोपी फरमान मंसूरी ने नाबालिगों और युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका दुष्कर्म कर वीडियो बनाए और फिर ब्लैकमेल किया। आरोपी ने एक नाबालिग का वीडियो वायरल भी कर दिया गया था। पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े 10-11 आरोपियों को पकड़ा था, जिनमें दो नाबालिग भी हैं। आरोपी फरमान ने पुलिस अभिरक्षा से भागने का प्रयास किया था, जिसके बाद पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी थी।
गिरफ्तारी के लिए केदारनाथ भेजी टीम
एएसपी मयूर खंडेलवाल ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक टीम केदारनाथ भेजी गई है। पूरा प्रयास है कि केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है।