गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में इन दिनों न दिन चैन है, न रात सुकून. हर तरफ बस खौफ ही खौफ है. इस दहशत के बीच ग्रामीण खुद को बचाने के लिए ढोल और सायरन बजा रहे हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे आखिर क्या वजह है?
मैनपुर के गांवों में हाथियों का कोहराम
दरअसल जिले के जंगल से निकले पांच जंगली हाथी मैनपुर ब्लॉक के गांवों में कोहराम मचा रहे हैं. देहारगुड़ा से शुरू हुआ सफर अब डडईपानी और ताराझर तक पहुंच चुका है. रास्ते में जहां-जहां ये झुंड गया, वहां बर्बादी की एक लंबी दास्तान छोड़ आया.
वन विभाग की टीमें लगातार हाथियों के मूवमेंट पर नजर रख रही हैं. ढोल, पटाखों और सायरन की मदद से इन्हें आबादी से दूर रखने की कोशिश की जा रही है, लेकिन झुंड की दिशा बार-बार बदल रही है, जिससे मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
रात भर पहरा देने को मजबूर ग्रामीण
ग्रामीणों के मुताबिक ये हाथी न सिर्फ फसलें रौंद रहे हैं, बल्कि घरों के आसपास मंडराकर लोगों की नींद भी उड़ा चुके हैं. दबनई, फरसरा, गौरघाट, जीडार और धवलपुर जैसे गांवों में लोग रातभर पहरा दे रहे हैं. कई किसानों की महीनों की मेहनत मिनटों में मिट्टी में मिल गई.
सबसे बड़ी चिंता यह है कि अब ये हाथी धीरे-धीरे रिहायशी इलाकों के करीब पहुंच रहे हैं. लोगों में अफवाहें भी फैल रही हैं कि झुंड ने मवेशियों पर हमला किया है, हालांकि इसकी पुष्टि वन विभाग ने नहीं की है.
अलर्ट मोड पर जिला प्रशासन
इस बीच कुछ स्थानीय युवाओं ने मोबाइल से हाथियों के वीडियो भी रिकॉर्ड किए हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इन क्लिप्स में साफ दिखता है कि किस तरह हाथी बेखौफ होकर खेतों में घूम रहे हैं. मैनपुर के जंगलों से निकले इन पांच हाथियों ने प्रशासन को भी अलर्ट मोड में डाल दिया है.
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