आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान 3,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एसआईटी द्वारा दायर प्रारंभिक आरोपपत्र में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का नाम रिश्वत प्राप्तकर्ताओं में से एक के रूप में उल्लेख किया गया है। हालांकि, जगन मोहन रेड्डी का नाम विशेष जांच दल (SIT) द्वारा शनिवार को यहां एक अदालत में दायर 305 पन्नो के चार्जशीट में शामिल है, लेकिन उन्हें मामले में आरोपी के रूप में नहीं दिखाया गया है।
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जानिए किस माध्यम से भेजे गए करोड़ों रुपये?
अदालत ने अभी तक चार्जशीट का संज्ञान नहीं लिया है, जिसमें आरोप लगाया गया कि साल 2019 और 2024 के बीच, डिस्टिलरी से हर महीने औसतन 50 से 60 करोड़ रुपये एकत्र किए गए और सहयोगियों और शेल कंपनियों के नेटवर्क के माध्यम से भेजे गए।
20 दिनों में दायर होगा एक और आरोप पत्र
एक गवाह का हवाला देते हुए आरोपपत्र में बताया गया कि किस प्रकार रिश्वत विभिन्न आरोपियों के माध्यम से तत्कालीन मुख्यमंत्री तक पहुंचाई गई। हालांकि, एसआईटी ने अब तक 48 व्यक्तियों और कंपनियों को आरोपी बनाया है, लेकिन आरोपपत्र में केवल 16 का नाम है। अदालत को बताया गया कि 20 दिनों में एक और आरोप पत्र दायर किया जाएगा।
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नकद और सोने के रूप में दी गई रिश्वत
चार्जशीट के अनुसार, वाईएसआरसीपी सरकार ने शराब नीति को शराब वितरण पर पूर्ण नियंत्रण रखने के लिए डिजाइन किया था, जिससे आरोपी अधिकारियों को भारी कमीशन मिल सके। इस तरह की रिश्वत का अधिकांश हिस्सा नकद, सोने या सोने के रूप में प्राप्त हुआ था।
राज कासिरेड्डी मुख्य आरोपी
एसआईटी ने दावा किया कि रिश्वत की शुरुआत आधार मूल्य के 12 प्रतिशत से हुई और बाद में इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री के सलाहकार, राज कासिरेड्डी उर्फ कासिरेड्डी राजशेखर रेड्डी जो इस मामले में मुख्य आरोपी हैं।
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आबकारी नीति में हेराफेरी
उनको मुख्य साजिशकर्ता और सह-साजिशकर्ता बताया गया है। उन्होंने कथित तौर पर आबकारी नीति में हेराफेरी की है। ऑटोमेटिकली ऑपरेट होने वाली (OFS) प्रॉसेस को मैन्युअल प्रणालियों से बदल दिया और आंध्र प्रदेश राज्य पेय पदार्थ निगम लिमिटेड (APSBCL) में अपने वफादार अधिकारियों को नियुक्त किया।
30 से ज़्यादा फर्जी कंपनियों को भेजा गया पैसा
यह भी आरोप लगाया गया कि राजशेखर रेड्डी ने पूर्व विधायक चेविरेड्डी भास्कर रेड्डी के साथ मिलकर वाईएसआरसीपी के चुनाव अभियान के लिए 250-300 करोड़ रुपये नकद दिए। कथित तौर पर अपराध की आय को 30 से ज़्यादा फर्जी कंपनियों के ज़रिए पैसा भेजा गया और दुबई तथा अफ्रीका में जमीन, सोना और आलीशान संपत्तियां खरीदने में इस्तेमाल किया गया।
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SIT ने 268 गवाहों से की पूछताछ
आरोपियों ने कथित तौर पर उन डिस्टिलरियों से ओएफएस से रोक दिया, जिन्होंने रिश्वत की मांग का विरोध किया था। एसआईटी ने अदालत को बताया कि इस मामले में अब तक 62 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं। एसआईटी ने मामले में 268 गवाहों से भी पूछताछ की।
सांसद पीवी मिधुन रेड्डी की हुई गिरफ्तारी
वाईएसआरसीपी सांसद पीवी मिधुन रेड्डी की गिरफ्तारी से एक घंटे पहले चार्जशीट दाखिल किया गया। एसआईटी ने उनसे करीब सात घंटे पूछताछ के बाद उन्हें शनिवार को गिरफ्तार कर लिया था। लोकसभा में वाईएसआरसीपी के नेता मिधुन रेड्डी पर कथित घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है।
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