सक्ती – जिले में के.सी.सी. लोन के भ्रष्टाचार मामले में संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं संभाग बिलासपुर यू. बी. एस. राठिया की कार्यशैली इन दिनों सुर्खियों में है। फर्जी के.सी.सी. ऋण मामले में देवरघटा,कलमा, बड़े कटेकोनी और बघौद समिति के प्रभारी संस्था प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर, तात्कालीन प्राधिकृत अधिकारी एवं संबंधित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा डभरा एवं चंद्रपुर के शाखा प्रबंधक और सुपरवाइजर द्वारा जानबूझकर फर्जीवाड़ा कर समिति और शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है जिसके दस्तावेजीय प्रमाण भी हैं, बावजूद संयुक्त पंजीयक राठिया द्वारा कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। संयुक्त पंजीयक की इस कार्यशैली ने सुशासन सरकार को ही कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।
संयुक्त पंजीयक राठिया की यह कार्यशैली पूरे संभागभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। वित्तीय अनियमितता मामले में लगातार शिकायत होने के बावजूद संयुक्त पंजीयक द्वारा अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई यह सबसे बड़ा सवाल बनाता हुआ नजर आ रहा है। हैरानी वाली बात तो यह है कि शिकायत प्राप्त होने के लगभग 6 महीने बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक संबंधित समितियों एवं शाखा प्रबंधकों के खिलाफ जांच करने ना तो कोई टीम गठित की गई है और ना ही कोई जांच करने पत्राचार किया गया है। ऐसे में अधिकारी द्वारा प्रदेश सरकार की मंशा को प्रभावित किया जा रहा है जबकि किसी भी प्रकार के गलत कार्य होने की शिकायत मिलने पर कार्यवाही करने संभागीय स्तर पर उनकी पोस्टिंग शासन द्वारा ही की गई है।
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ऐसे भ्रष्ट अधिकारी की कार्यशैली से पूरे संभाग में विभाग की किरकिरी हो रही है, फिर भी शासन की किरकिरी कराने वाले अधिकारी के खिलाफ सरकार एक्शन नहीं ले रही है। ऐसे भ्रष्टाचारियों को आखिरकार इतने बड़े पद की जिम्मेदारी कैसे दे दी गई है? क्या भ्रष्ट अधिकारी को जानबूझकर भ्रष्टाचार करने के लिए बैठाया गया है? ऐसी बातें भी समाने आ रही है। क्या भ्रष्टाचार में लिप्त यह अधिकारी केवल और केवल शासन को ठगने का काम करने के लिए है? क्या ऐसे अधिकारी के ऊपर शासन को कार्रवाई करनी चाहिए या नहीं?
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क्या समितियां में चल रहा है फर्जी ऑडिट?
शासन द्वारा जारी निर्देश अनुसार केसीसी ऋण वितरण करने निर्देश प्राप्त है जिसमें अनुपात भी निर्धारित है, बावजूद कई समितियों मे निर्देशों को दरकिनार करते हुए जानबूझकर अपने चाहते लोगों को अनैतिक लाभ दिलाने के लिए राशि वितरण मियां गया है। वर्तमान समय में सभी समितियों के ऑडिट हो रहे हैं ऐसे में इन समितियों के ऑडिट रिपोर्ट में भी घपलेबाजी होने की संभावना जताई जा रही है, और क्या फर्जी ऑडिट किया जा रहा है? यदि इन समितियों के ऑडिट रिपोर्ट में अगर आपत्ति दर्ज नहीं की गई होगी तो संबंधित ऑडिटर के खिलाफ शिकायत की जाएगी।
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मुख्यमंत्री से होगी शिकायत
संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं बिलासपुर संभाग यू. बी. एस. राठिया द्वारा अपने पद एवं अधिकार का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। अधिकारी की इस कार्य शैली को लेकर मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत करते हुए तत्काल हटाने की मांग की जाएगी।