नई दिल्ली: अब आपातकालीन स्थिति में रेयर ब्लड ग्रुप वाले डोनर की खोज में मुश्किल नहीं होगी और वो बहुत आसानी से मिल जाएगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने रक्तदान और रक्त उपलब्धता की निगरानी करने वाले राष्ट्रीय पोर्टल ई-रक्तकोष में अब दुर्लभ रक्त समूहों (Rare Blood Group) का दाता रजिस्ट्रेशन शामिल करना शुरू कर दिया है. इस पहल से उन मरीजों को राहत मिलेगी जिन्हें सबसे ज्यादा दुर्लभ रक्त प्रकारों जैसे बॉम्बे फेनोटाइप या बॉम्बे ब्लड ग्रुप की जरुरत होती है.
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सीआरएमसीएच की निदेशक डॉ. मनीषा मडकाइकर ने बताया कि देश में चार हजार से अधिक ब्लड बैंक हैं, लेकिन वे सिर्फ एबीओ और आरएचडी रक्त समूहों की ही जांच करते हैं. दुर्लभ रक्त समूहों की पहचान और उपलब्धता अक्सर बहुत मुश्किल होती है. उन्होंने बताया कि दुर्लभ रक्त ऐसे रक्त समूह होते हैं जो एक हजार में से सिर्फ एक व्यक्ति में पाए जाते हैं. बिना राष्ट्रीय रजिस्ट्री के, ऐसे रक्त की तलाश में समय और संसाधनों की भारी बर्बादी होती है. हालांकि अब एकीकृत प्रणाली से रक्त की उपलब्धता का केंद्रीय ट्रैकिंग संभव होगा और संवेदनशील मरीजों को तुरंत इलाज मिल सकेगा.
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समय रहते मिलेगा दुर्लभ रक्त वाला दाता
डॉ. मनीषा मडकाइकर ने कहा कि जब किसी गंभीर मरीज को इस तरह का ब्लड चाहिए होता है तो अस्पतालों को राज्य या फिर देश भर में तलाश करनी पड़ती है. यह न सिर्फ काफी समय लेने वाली तलाश होती है बल्कि कई बार मरीज के जीवन के लिए जोखिम भी बढ़ने लगता है. उन्होंने कहा कि ई-रक्तकोष के साथ दुर्लभ रक्तदाता रजिस्ट्री का एकीकरण भारत के रक्त संक्रमण तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. इससे मरीजों, अस्पतालों और डॉक्टरों को समय पर दुर्लभ रक्त समूह मिल सकेगा और कई जिंदगियों को बचाया जा सकेगा.
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पहली बार शुरू हुईं ऐसी पहल
दरअसल, अभी तक देश में दुर्लभ रक्त की तलाश को लेकर कोई भी राष्ट्रीय रजिस्ट्री नहीं थी जहां इन विशेष रक्त समूहों वाले दाताओं की जानकारी एक जगह हो. जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के सेंटर फॉर रिसर्च इन मेडिकली कंप्लीकेटेड हीमोग्लोबिन पैथी (CRMCH) ने देश की पहली राष्ट्रीय दुर्लभ रक्तदाता रजिस्ट्री ( National Rare Blood Donor Registry) बनाई है. इसमें उन रक्तदाताओं (Blood Donors) का डाटा है जिनके रक्त समूह बेहद दुर्लभ हैं जैसे थैलेसीमिया, सिकल सेल रोग, या विशेष एंटीजन की आवश्यकता वाले मरीजों के लिए. अब इस रजिस्ट्री को ई-रक्तकोष से जोड़ने का प्रस्ताव है, ताकि देशभर के रक्त बैंक इस डाटाबेस का हिस्सा बन सकें और जरूरतमंद मरीजों को तेजी से सहायता मिल सके.