सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त, समन्वित और लंबे अभियान में, 28 जुलाई को पहलगाम हमले की साजिश रचने वाले तीन कट्टर पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया। आतंकवादियों की पहचान सुलेमान शाह उर्फ फैसल जाट, हमजा अफगानी और जिबरान भाई के रूप में हुई है। घटनास्थल से दो एके सीरीज राइफलें, एक एम4 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद और युद्ध सामग्री बरामद की गई है। आधुनिक हथियार और युद्ध सामग्री देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
कैसे हुई पहलगाम आतंकी हमलावरों की पहचान
शनिवार को पहलगाम हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किए गए एक चीनी सैटेलाइट फोन से निकले सिग्नल से उनका पता चल गया और उसके बाद सेना ने ऑपरेशन शुरू किया। पिछले 17 दिनों में दूसरी बार सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके में दाचीगाम के जंगलों में ज़बरवान रेंज में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण महादेव पीक के लिडवास मैदान के पास मुलनार पीक पर पहुंची और इसे ऑपरेशन महादेव नाम दिया गया।
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बरामद हुआ युद्ध का सामान और सैटेलाइट फोन
मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों के पास से ज़ब्त किए गए हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों सहित वो सैटेलाइट फोन भी मिला जिससे सेना को सुराग मिला था। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इसकी जानकारी दी और बताया कि मारे गए ये तीनों वही आतंकवादी हैं जिन्होंने 22 अप्रैल को 26 नागरिकों की हत्या की थी। सूत्रों के अनुसार इन हमलावरों ने 11 जुलाई को बैसरन इलाके में भी पहलगाम हमले को अंजाम देने से पहले सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया था। तब से सेना और पुलिस की कई टीमें रात में भी उनकी तलाश कर रही थीं, जिससे वो बार-बार अपने ठिकाने बदल रहे थे और जंगल में छुपकर बैठे थे।सूत्रों के मुताबिक आतंकी तंबू में आराम कर रहे थे कि सेना ने उनपर अटैक किया और उन्हें पकड़ लिया, जिसके बाद चली मुठभेड़ में तीनों मारे गए।