नई दिल्ली: बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामा चलता रहा. इस हंगामे के बीच कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चुनाव आयोग पर बरसे. उन्होंने कहा कि आयोग को याद रखना चाहिए कि सत्ता कभी बदलेगी भी. एसआईआर के इस मामले ने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को एक साथ खड़ा कर दिया जो कई मुद्दों पर कांग्रेस से अलग राय रखती.
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- विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों के सांसदों ने इस मुद्द को लेकर शुक्रवार को संसद भवन परिसर में मार्च किया.
- इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और कई अन्य दलों के सांसद शामिल हुए.
- संसद परिसर में ही विपक्षी नेताओं ने प्रतीकात्मक विरोध करते हुए एक कूड़ेदान रखा और फिर एसआईआर लिखे पोस्टर फाड़कर उसमें डाले. खरगे, राहुल गांधी और कई अन्य सांसदों ने भी ऐसा किया.
- विपक्षी सांसदों ने एक बड़ा बैनर भी ले रखा था, जिस पर ‘एसआईआर- लोकतंत्र पर वार’ लिखा हुआ था.
- उन्होंने ‘एसआईआर वापस लो’ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाये. विपक्षी सांसदों की मांग है कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए.ALTT, ULLU पर चला सरकार का डंडा, अश्लील कंटेंट वाले 25 Apps हुए बैन, देखें लिस्ट
कांग्रेस, राजद, टीएमसी, डीएमके, सपा, जेएमएम और लेफ्ट समेत तमाम दल प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. क्योंकि इन दलों को लगता है कि जहां उनकी सरकार है, वहां भी एसआईआर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. खासकर तृणमूल कांग्रेस को लगता है कि बिहार तो बस बहाना है असली निशाना पश्चिम बंगाल ही है. यही बात तमिलनाडु के सांसद भी कह रहे हैं.
“ये लोग बंगाल में आएंगे”
टीएमसी की सांसद सुष्मिता देव ने कहा बिहार के बाद ये लोग बंगाल में आएंगे दीदी को हराने के लिए. जबकि कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा बिहार के बाद तमिलनाडू जैसे राज्यों में यह किया जाएगा. इसलिए लोकतंत्र बचाने के लिये हम सब साथ है. वहीं पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य का इस मुद्दे पर कहना है कि टीएमसी ने लाखों बंगलादेशी और रोहिंग्या लोगों को वोटर बना दिया है. बंगाल के ऐसे 17 लाख फर्जी मतदाताओं की सूची उसने चुनाव आयोग को सौंपी है.
समिक भट्टाचार्य ने कहा कि बांग्लादेश में जो रहते हैं, बांग्ला में बात करते. इसका मतलब यह नहीं है कि सारे बांग्लादेशियों को हिंदुस्तान लाएंगे और मतदाता बना देंगे. हमारी लड़ाई घुसपैठ के खिलाफ है. देश कोई धर्मशाला नहीं है कि जब जिसका मन हो आकर रहने लगे, यह राजनीति बंद होनी चाहिए. जहां तक 2026 की बात है, तृणमूल कांग्रेस को ‘जय भारत’ कहना होगा और पश्चिम बंगाल से बाहर निकलना होगा.
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