नई दिल्‍ली: अहमदाबाद में गुरुवार को हुए विमान हादसे के बाद जले हुए शवों को पहचानना मुश्किल है. ऐसे में मृतकों के शवों को कैसे उनके परिजनों को सौंपा जाए, इसके लिए डीएनए टेस्ट (DNA Test) कराया जा रहा है. डीएनए टेस्ट में मृतक और उनके परिजनों के सैंपल की प्रोफाइलिंग करके ये पता किया जा सकता है कि कौन-सा शव किसका है. ये टेस्ट किसी की पहचान का सबसे सटीक ज़रिया इसलिए है, क्योंकि हर इंसान का डीएनए अलग होता है. मृतक की पहचान के लिए आम तौर पर सबसे पहले उनके शरीर और कद काठी के हिसाब से पहचान करने की कोशिश होती है. इसके बाद मृतक के शरीर पर बचे कपड़े या सोने चांदी के ज़ेवरों या उनके पास मौजूद किसी वस्तु से उनकी शिनाख़्त करने की कोशिश होती है. जब ये तरीक़ा काम नहीं करता, तब वैज्ञानिक तरीके से डीएनए की जांच की जाती है. डीएनए का वैज्ञानिक नाम डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड होता है.

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कैसे होता है DNA टेस्‍ट?

डीएनए टेस्ट करने के लिए सबसे पहली अनिवार्यता ये है कि मृतक के कोई ऐसे परिजन अपना ब्लड सैंपल दें, जो उनसे खून के रिश्ते में आते हों. इसमें माता-पिता, मृतक के बच्चे, भाई, बहन, दादा दादी या चाचा ताऊ हो सकते हैं. इसमें प्रोफाइलिंग के लिए महिलाओं का एक्स और पुरुषों का वाई सैंपल लेकर जांच की जाती है.  डीएनए जांच के लिए एक्सपर्ट्स सबसे पहले मृतक के शरीर के बच्चे हुए हिस्से से कुछ पार्ट्स निकालते हैं. इनमें अगर स्किन है तो सबसे पहले स्किन का सैंपल लिया जाता है. अगर शव पूरी तरह जल गया है तो दांत, फीमर यानी जांघ की हड्डी, बाल या टिश्यू लेकर जांच करते हैं. मृतक के सैंपल लेने के बाद उनके परिजन के सैंपल निकाले जाते हैं.

X और Y प्रोफाइल से पता चलता है…

एक्सपर्ट्स मृतक के सैंपल लेकर उसमें से एक्स और वाई के बारे में पता कर लेते हैं. हर व्यक्ति के शरीर में उनके माता-पिता का एक्स और वाई प्रोफाइल आधा-आधा होता है. ऐसे में एक्स और वाई प्रोफाइल लेकर उनके ब्लड रिलेशन वाले परिजन का ब्लड सैंपल लेकर उसकी प्रोफाइलिंग करते हैं. सैंपल देने वाला शख़्स अगर पुरुष है, तो उनके वाई का मिलान मृतक के वाई से करते हैं और अगर सैंपल देने वाली महिला है तो मृतक के सैंपल के एक्स का मिलान होगा.

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DNA जांच में लगता है कितना समय?

डीएनए एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डीएनए जांच में सैंपल की सबसे सटीक मिलान माता-पिता या बच्चों से हो सकती है. अगर बात करें जांच प्रक्रिया में लगने वाले समय की, तो इसमें एक से दो दिन लग सकते हैं. अहमदाबाद विमान हादसे में मृतकों की संख्या ज़्यादा है. ऐसे में संभव है कि मृतकों के सैंपल को अलग-अलग जगहों पर डीएनए लैब में भेजा जाए. इस वजह से समय कुछ ज़्यादा भी लग सकता है.

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