उत्तरप्रदेश
लखनऊ: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सुर्ख़ियों में आईं कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर भी निशाना साधा गया है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चाचा और सपा सांसद राम गोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर अशोभनीय बयान दिया है।
मुरादाबाद पहुंचे सपा के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने वाली एयरफोर्स कमांडर व्योमिका सिंह के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने सेना के अन्य अफसरों की जातियों का भी जिक्र किया है। प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने यह बयान मुरादाबाद के बिलारी में सपा के कार्यक्रम में दिया।
विंग कमांडर ने व्योमिका सिंह को दिव्या कहकर संबोधित किया
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए सबसे पहले व्योमिका सिंह को दिव्या सिंह कहकर संबोधित किया। इसके बाद जब मंच पर बैठे सपा सांसद आदित्य यादव ने उन्हें टोका तो उन्होंने व्योमिका सिंह और सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी कर दी।
राम गोपाल यादव ने किया जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि वे (विजय शाह) यह भी नहीं जानते थे कि व्योमिका सिंह कौन है या उसकी जाति क्या है, न ही वे एयर मार्शल ए.के. भारती के बारे में जानते थे। अन्यथा, वे उन्हें भी गालियां देते। मैं आपको बता दूं – व्योमिका सिंह हरियाणा की दलित (जातिसूचक शब्द) हैं और एयर मार्शल ए.के. भारती पूर्णिया के यादव हैं। तीनों ही पीडीए सेगमेंट से थे। एक को गाली दी गई क्योंकि उन्हें लगा कि वह मुस्लिम है, एक को राजपूत समझा गया। इसलिए कुछ नहीं कहा गया और दूसरे के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर महज औपचारिकता
इससे पहले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके इस बयान पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एफआईआर के आदेश दिए थे। वहीं, मंत्री के विवादित बयान पर एमपी हाईकोर्ट ने एफआईआर की भाषा पर आपत्ति जताई है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने गुरुवार को मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर को महज औपचारिकता बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता विजय शाह को फटकारा
कर्नल सोफिया कुरैशी पर एमपी के मंत्री विजय शाह द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी के मामले पर सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त लहजे में कहा कि आप संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति हैं। आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। मालूम हो कि मंत्री विजय शाह ने एमपी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह की याचिका स्वीकार कर ली है।
देश का दुर्भाग्य, ऐसे आस्तीन के सांप बने हैं जनप्रतिनिधि
इसे देश का दुर्भाग्य ही कहना ज्यादा उचित होगा जहां ऐसे ऐसे जनप्रतिनिधि चुनकर आते हैं जिनकी वाणी में संयम नाम की चीज नहीं । किसी के सम्मान में 4 शब्द भले ही ना निकले लेकिन आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते । देश का सीना गर्व से ऊंचा करने वाली महान वीरांगनाओ पर आपत्तिजनक टीका टिप्पणी करके मीडिया में सुर्खियां बटोरना सस्ती लोकप्रियता से ज्यादा कुछ नहीं । पहले विवादित टिप्पणी करना और बाद में माफी मांग लेना यह थूक कर चाटने वाली बात है । यहां सवाल उठना लाजिमी है कि बड़बोले मंत्रियों और सांसदों को जब पता है कि बाद में अपना ही थूक चाटना पड़ेगा तो फिर थूकते ही क्यों है ?
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