नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान ने भारत के एक बहुत बड़े भूभाग पर कब्जा कर रखा है। कश्मीर और लद्दाख के आधे क्षेत्र पर पाकिस्तान का कब्जा है। इसमें से पाकिस्तान ने एक छोटा हिस्सा चाइना को गिफ्ट में भी दिया है।

चाइना को गिफ्ट देने के बाद पाकिस्तान ने 2009 में बचे हुए पीओके के 2 टुकड़े कर दिए। एक का नाम गिलगित-बाल्टिस्तान, तो दूसरे का नाम आजाद कश्मीर रखा। इस दोनों ही क्षेत्र के लोग कितने भारत समर्थक है यह जानना भी जरूरी है।

पाक के कब्जे में है जम्मू कश्मीर का 13 हजार 297 वर्ग किलोमीटर का इलाका

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के पास अनुमानित 5,134 वर्ग मील यानी करीब 13 हजार 297 वर्ग किलोमीटर इलाका है। मुजफ्फराबाद इसकी राजधानी है और इसमें 10 जिले हैं, वहीं गिलगित बाल्टिस्तान में 28 हजार 174 वर्ग मील यानी करीब 72 हजार 970 वर्ग किलोमीटर इलाका है। गिलगित-बाल्टिस्तान में भी 10 जिले हैं। इसकी राजधानी गिलगित है। इन दोनों इलाकों की कुल आबादी 60 लाख के करीब बताई जाती है। मतलब यह कि गिलगित-बाल्टिस्तान, पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर का 85 प्रतिशत इलाका है। फिर मार्च 1963 में पाकिस्तान ने पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान वाले हिस्से में से एक इलाका चाइना को गिफ्ट कर दिया। ये करीब 1,900 वर्ग मील से कुछ ज्यादा था।

राजनाथ सिंह ने की थी POK के निवासियों से ये अपील

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी PoK के निवासियों से अपील की है कि वे भारत में शामिल हों। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उन्हें विदेशी मानता है, जबकि भारत उन्हें अपना मानता है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर में विकास के कारण PoK के लोग भारत में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करेंगे।

क्या सोचते हैं PojK के लोग

1947 के पहले पीओके में हिंदू और शियाओं की आबादी थी, लेकिन सुन्नी पाकिस्तानी आतंकवादियों और सेना के अत्याचार के चलते हजारों की संख्या में मारे गए और जो बचे थे वे पलायन करके भारतीय जम्मू और कश्मीर में आ गए। अब वहां पर आतंकवादी कैंप, सेना की चौकियां और चीन के प्रोजेक्ट के बीच मूल कश्मीरी मुसलमान रहते हैं। कुछ रिपोर्ट्स और बयानों से संकेत मिलता है कि PoK के कुछ निवासी भारत के साथ एकजुटता की इच्छा व्यक्त करते हैं लेकिन अधिकतर इस भावना का खुलेआम कहने से डरते भी है। इसलिए यहां पर भारत के प्रति मिश्रित भावनाएं मिलती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, PoK के निवासी पाकिस्तान के शासन से असंतुष्ट हैं और भारत के साथ मिलना चाहते हैं। वे राजनीतिक, सामाजिक, शिक्षा के रूप में हाशिए पर होने और स्वायत्तता की कमी से परेशान हैं। उनकी सांस्कृतिक, भाषाई और पारिवारिक समानताएं भारतीय कश्मीर से हैं, जो भारत के प्रति उनकी भावनाओं को मजबूत करती हैं।

इसलिए पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के सभी लोग भारत में शामिल होना चाहते हैं, ऐसा कहना पूरी तरह सही नहीं होगा। लेकिन कुछ हिस्सों में, खासकर हालिया वर्षों में, ऐसे संकेत जरूर मिले हैं कि वहां के कुछ लोग भारत में शामिल होने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं, क्योंकि उनका जुड़वा पाकिस्तान से नहीं है और पाकिस्तानी लोग भी उनका बस अपने हित में उपयोग कर रहे हैं। वे हर मामले में पिछड़ गए हैं। उनके बच्चे भूख से मर रहे हैं। यहां पर 78 वर्षों में पाकिस्तान बिजली, स्वास्थ्य, सड़क, पानी और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई है।

अप्रैल-मई 2024 में मुज़फ्फराबाद और अन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिनमें लोग सरकार से आज़ादी और बेहतर जीवन की मांग कर रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स (जैसे कि Brighter Kashmir, ANI, आदि) बताती हैं कि कुछ स्थानीय नेताओं या नागरिकों ने भारत के प्रति समर्थन जताया है।

POK में विरोध प्रदर्शन:

1. जनवरी 2024 में बिजली संकट के खिलाफ विरोध: PoK के निवासियों ने 18 से 20 घंटे की बिजली कटौती और अधिक बिजली बिलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। कई स्थानों पर लोगों ने बिजली बिलों का बहिष्कार किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

2. अप्रैल 2024 में बुनियादी ढांचे की कमी के खिलाफ प्रदर्शन: जमात ए इस्लामी के वकीलों ने मुजफ्फराबाद में लैंडस्लाइड्स और सड़क दुर्घटनाओं के कारण सुरंगों की आवश्यकता के लिए प्रदर्शन किया। निवासियों ने पाकिस्तान से PoK को जोड़ने वाली सड़कों के विस्तार की मांग की।

3. मई 2024 में व्यापक विरोध प्रदर्शन: मुजफ्फराबाद, रावलकोट, मीरपुर और अन्य शहरों में महंगाई और बुनियादी सुविधाओं की कमी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में कुछ स्थानों पर पोस्टर भी देखे गए, जिनमें भारत में विलय की मांग की गई थी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।

4. मई 2024 में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई समिति का विरोध: आमामी एक्शन कमिटी और ज्वाइंट एक्शन कमिटी ने पाकिस्तान सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के झंडे को हटाकर PoK का झंडा फहराया और पाकिस्तान सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की।

5. पीओके के भारतीय समर्थक: पीओके के सामाजिक कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने मीडिया से बात करके कहा कि जिस तरह भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेशों में अपने डेलिगेशन भेजे हैं हम भी यह तैयारी कर रहे हैं कि हम विदेश के लोगों को बताएं कि हम भारतीय हैं और भारत में शामिल होना चाहते हैं क्योंकि हम भारत के ही हैं। हम पाकिस्तान से तंग आ चुके हैं। अभी थोड़ा सा और रुक जाइये, पाकिस्तान को और बिखरने दें। हम खुद ब खुद भारत में शामिल हो जाएंगे। भारत के लिए यही सही वक्त है कि वह हमारी मदद करें।

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