छत्तीसगढ़
रायपुर/बलरामपुर: विनोद अग्रवाल महात्मा या हत्यारा या आत्महत्या करने पर मजबूर करने वाला? यह तो वो पुलिस अधिकारी/कर्मचारी, राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी, राजनैतिक संरक्षण देने वाले सभी लोग अपने-अपने घर जाकर अपने-अपने बच्चों व परिवारजनों के तरफ देखते हुए यह सोचना जरूर कि सेठ के द्वारा दिए लाभ से आपका व आपके बच्चों का भविष्य बन जाएगा? क्या आपके परिवारजनों को मालूम है कि हत्या व आत्महत्या जैसे जघन्य अपराध करने वालो की जेब से निकला लाभ है? यदि आपके परिवार के किसी सदस्य ने आत्महत्या की होती तो भी आप अपना हिस्सा लेते? तमाम ऐसे सवाल हैं जवाब सिर्फ आपके पास है।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले अंतर्गत राजपुर/बरियों/भेस्की में बहुचर्चित राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा पण्डो आत्महत्या कांड में मुख्य आरोपी विनोद अग्रवाल उर्फ़ मग्गू की ओर से दाखिल की गई जमानत याचिका को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 22 मई 2025 को खारिज कर दिया है। हालांकि, गंभीर बात यह है कि यह आरोपी अभी भी फरार है, और गिरफ्तारी से बचता फिर रहा है।

मामले की स्थिति:

आरोपी: विनोद अग्रवाल उर्फ़ मग्गू
केस नंबर: CRA/0000996/2025
न्यायालय: माननीय मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
निर्णय: जमानत याचिका खारिज (DISMISSED)
दिनांक: 22-05-2025

हाईकोर्ट निर्णय का सार:

विनोद अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने एक संयुक्त संपत्ति को धोखाधड़ी से बेचा, जो एक विशेष पिछड़ी जनजाति (special backward tribe) की महिला के नाम पर थी, बिना उचित अनुमति के। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है। उनके खिलाफ पहले से 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 3 अभी लंबित हैं। इससे न्यायालय ने यह निष्कर्ष निकाला कि वह एक “habitual offender” हैं। इन्हीं तथ्यों के आधार पर न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया।

फरार होकर हाईकोर्ट में याचिका – कानूनी दृष्टिकोण से आपत्तिजनक:

कानूनी जानकारों का कहना है कि फरार रहते हुए किसी आरोपी द्वारा जमानत की अर्जी देना स्वयं में विवादास्पद है। अदालत ने भी इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कोई राहत नहीं दी और याचिका को तत्काल खारिज कर दिया।

जनता और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया:

स्थानीय लोगों और संगठनों ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही प्रशासन से अब तक गिरफ्तारी न होने पर नाराज़गी जताई है। कई लोगों ने सोशल मीडिया और विरोध प्रदर्शनों के ज़रिए मांग की है कि:
● सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
● फरार होने के बावजूद कोर्ट का समय बर्बाद करने पर अतिरिक्त धाराएं जोड़ी जाएं।
● आरोपियों के नाम पर घोषित इनाम और रेड कॉर्नर नोटिस जैसे कदम उठाए जाएं।

पुलिस की भूमिका पर सवाल:

जनता यह जानना चाहती है कि अगर आरोपी फरार है, तो:
● उन्हें जमानत अर्जी दायर करने की सुविधा कैसे मिली?
● क्या पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए कोई प्रेस विज्ञप्ति या वांछित पोस्टर जारी किया है?
● क्या कुर्की/जप्ती की कार्यवाही (CrPC धारा 82 और 83 के अंतर्गत) शुरू हुई है?
● अब आगे क्या हो सकता है?

गिरफ्तारी वारंट पहले ही जारी हो चुका हो तो, अब पुलिस को कार्रवाई तेज करनी होगी। कोर्ट से अनुमति लेकर कुर्की-जप्ती और इनाम की घोषणा की जा सकती है। यदि आरोपी विदेश भाग गए हैं तो लुकआउट नोटिस और इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया जा सकता है।

पूर्व में किए आपराधिक मामलों पर एक नजर…

● थाना राजपुर और चौकी बरियों में दर्ज आपराधिक रिकॉर्ड
● मग्गू सेठ के खिलाफ बलरामपुर जिले में लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों का रिकॉर्ड है। उनके खिलाफ थाना राजपुर और चौकी बरियों में निम्नलिखित अपराध दर्ज हैं:

थाना राजपुर में दर्ज अपराध…

1. अपराध क्रमांक 48/09, दिनांक 18/03/2009: धारा 147, 148, 149, 294, 506, 323 (मारपीट, गाली-गलौज, धमकी, और बलवा)।

2. अपराध क्रमांक 133/15, दिनांक 23/08/2015: धारा 365, 342, 294, 506, 323, 31 (अपहरण, बंधक बनाना, गाली-गलौज, धमकी, और मारपीट)।

3. अपराध क्रमांक 40/16, दिनांक 18/03/2016: धारा 294, 506, 323 (गाली-गलौज, धमकी, और मारपीट)।

4. अपराध क्रमांक 120/16, दिनांक 22/08/2016: धारा 294, 506, 323, 147, 149, 325 (गाली-गलौज, धमकी, मारपीट, और बलवा)।

5. अपराध क्रमांक 07/17, दिनांक 24/01/2017: धारा 294, 506, 323, 451, 477, 34, 3-1(एक्स)/(एक्ससी) एक्ससीए (गाली-गलौज, धमकी, मारपीट, घर में घुसना, संपत्ति नुकसान, और अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न)।
कुल: थाना राजपुर में 5 प्रकरणों के साथ एक प्रतिबंधात्मक कार्यवाही (107/16) भी दर्ज है, जो सामाजिक शांति भंग करने की आशंका के तहत की गई थी। इस प्रकार, कुल 6 कार्यवाहियाँ हैं।

चौकी बरियों में दर्ज अपराध…

1. अपराध क्रमांक 07/120, दिनांक 28/08/2016: धारा 294, 506 (बी), 323, 147, 148, 149 (गाली-गलौज, धमकी, मारपीट, और बलवा)।

2. अपराध क्रमांक 32/18, दिनांक 20/02/2018: धारा 294, 506, 323, 34 (गाली-गलौज, धमकी, और मारपीट)।

3. अपराध क्रमांक 34/21, दिनांक 17/06/2020: धारा 287, 304 (।।), 34 (लापरवाही से मृत्यु, और हत्या से संबंधित अपराध)।

4. अपराध क्रमांक 85/21, दिनांक 30/04/2021: धारा 294, 506, 323, 341, 342, 34 (गाली-गलौज, धमकी, मारपीट, गलत तरीके से रोकना, और बंधक बनाना)।
कुल: चौकी बरियों में उनके खिलाफ 4 प्रकरण दर्ज हैं।
आपराधिक पैटर्न और स्थानीय प्रभाव विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ के खिलाफ दर्ज अपराधों में एक स्पष्ट पैटर्न देखा जा सकता है।

2009 से 2024 तक उनके खिलाफ हिंसा, धमकी, अपहरण, और अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न जैसे अपराध दर्ज हैं। 2020 में चौकी बरियों में दर्ज अपराध (धारा 287, 304 (।।)) संभवतः क्रेशर हत्याकांड से जुड़ा हो सकता है, क्योंकि क्रेशर व्यवसाय में लापरवाही से मृत्यु की घटनाएँ आम हैं। 2017 में थाना राजपुर में दर्ज अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न का मामला 2024 की पहाड़ी कोरवा समुदाय की शिकायत से मेल खाता है, जो उनके कमजोर समुदायों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।

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