अहमदाबाद: बहुत से लोगों के लिए विश्‍वास कुमार दुनिया के सबसे लकी इंसान हैं. कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि अगर वह 12 जून को भगवान से कुछ और मांगते तो शायद वह भी उन्‍हें मिल जाता है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. अहमदाबाद में हुए खतरनाक हवाई हादसे को एक महीना पूरा हो गया है. अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 टेक ऑफ करने के कुछ ही सेकेंड्स बाद क्रैश हो गई थी. इस क्रैश में प्‍लेन में सवार हर इंसान की मौत हो गई, बस विश्‍वास कुमार जिंदा बच गए. यकीन मानिए उनके लिए इस त्रासदी से बाहर आना बहुत मुश्किल है. आपके लिए भले ही वो सबसे भाग्‍यशाली इंसान हों लेकिन विश्‍वास हर पल को संघर्ष के साथ जी रहे हैं.

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विश्‍वास से रहे डॉक्‍टर की मदद 

विश्‍वास के कजिन ने बताया कि अब उनके चचेरे भाई ने बताया कि अब वह इस दर्दनाक अनुभव से उबरने के लिए मनोचिकित्सक की मदद ले रहे हैं. 40 साल के विश्‍वास के साथ प्‍लेन में उनके भाई अजय भी सवार थे. भाई अजय भी बाकी लोगों के साथ इस क्रैश में मारे गए.  इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों की मौत हो गई थी जबकि सिर्फ एक यात्री जिंदा बच गया था. इसके अलावा जमीन पर भी 19 लोगों की मौत हो गई थी.

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विश्वास के चचेरे भाई सनी ने बताया कि दुर्घटनास्थल के दृश्य, उनके चमत्कारिक रूप से बच निकलने और भाई की मौत की यादें आज भी उन्‍हें सताती हैं. सनी ने बताया, विदेश में रहने वाले हमारे रिश्तेदारों सहित कई लोग विश्वास का हालचाल जानने के लिए हमें फोन करते हैं. लेकिन वह किसी से बात नहीं करता. वह अभी भी दुर्घटना और अपने भाई की मौत के मेंटल ट्रॉमा से उबर नहीं पाया है.’

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आधी रात को जाग जाते हैं विश्‍वास 

सनी की मानें तो विश्‍वास आधी रात को जाग जाते हैं और उन्‍हें दोबारा सोने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सनी उन्‍हें लेकर दो दिन पहले एक मनोचिकित्सक के पास ले गए थे ताकि उसका इलाज हो सके. विश्‍वास ने फिलहाल लंदन लौटने का कोई भी प्‍लान नहीं बनाया है क्‍योंकि उनका इलाज अभी शुरू हुआ है. विश्‍वास को 17 जून को अहमदाबाद सिविल अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. उसी दिन, उसके भाई अजय का पार्थिव शरीर डीएनए मिलान के बाद परिवार को सौंप दिया गया.

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पीएम मोदी ने की थी मुलाकात 

विश्‍वास और उनके भाई अजय, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश के तहत आने वाले दीव में अपने परिवार से मिलने के बाद एयर इंडिया की उड़ान से लंदन लौट रहे थे. सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में, उन्हें 18 जून को अपने भाई के पार्थिव शरीर को कंधों पर उठाकर दीव के श्मशान घाट ले जाते हुए देखा जा सकता है. दुर्घटना के एक दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल में विश्वास से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा.

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11A सीट वाले विश्‍वास 

दूरदर्शन को दिए एक इंटरव्‍यू में विश्‍वास ने बताया था कि टेकऑफ करने के कुछ ही सेकेंड्स बाद प्‍लेन रुक गया था. विश्‍वास की सीट, 11A, बाईं तरफ थी और इमरजेंसी एग्जिट के करीब थी. विश्‍वास ने बताया था, ‘सौभाग्य से, विमान का वह हिस्सा जहां मैं बैठा था, क्रैश होने के बाद मेडिकल कॉलेज के हॉस्‍टल के ग्राउंड फ्लोर पर गिरा था. जब मैंने देखा कि दरवाजा टूटा हुआ है, तो मैंने खुद से कहा कि मैं बाहर निकलने की कोशिश कर सकता हूं. आखिरकार, मैं बाहर आ गया.’

दुर्घटना के कुछ मिनट बाद एक स्थानीय व्यक्ति की ओर से बनाए गए वायरल वीडियो में, कुमार को मलबे से दूर, एक एंबुलेंस की ओर जाते हुए देखा जा सकता है. उन डरावनी यादों से दूर जाना शायद और भी मुश्किल होगा.

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