मालेगांव ब्लास्ट केस में रिहा हुए सुधाकर चतुर्वेदी महाराष्ट्र के पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण पर भड़क उठे हैं। उन्होंने पृथ्वीराज चव्हाण को दो थप्पड़ मारने वाले को दो लाख रुपये देने का ऐलान किया है। मुंबई के सावरकर भवन में मालेगांव ब्लास्ट के आरोप से बरी हुए सभी सात लोगों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था जिसमें मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी, राकेश धावड़े, जगदीश म्हात्रे, श्याम शाहू (पहले ही बरी) आदि शामिल हुए। सम्मान समारोह के बाद सभी ने मिलकर मीडिया को संबोधित किया। इसी कार्यक्रम में सुधाकर चतुर्वेदी ने पृथ्वीराज चव्हाण के खिलाफ बयान दिया। आइए जानते हैं कि किसने क्या कहा है।
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रिहा हुए किस शख्स ने क्या कहा?
- रमेश उपाध्याय ने कहा कि “जिस दिन यह घटना हुई उसके कुछ दिन बाद ATS मुझे लेकर चली गई और कुछ दिन बाद हेमंत करकरे मेरे घर आए, और मेरे परिवार को डराया धमकाया गया। हमारा नार्को टेस्ट कराया गया जो कोर्ट में पेश किया ही नहीं गया। हमारे ऊपर जो भी आरोप लगाए गए वे फर्जी थे। बाइक साध्वी प्रज्ञा की थी या उसमें ब्लास्ट हुआ इसका कोई सबूत मिला ही नहीं। केवल ATS के कहने पर हमारे ऊपर मकोका और UAPA लगा दिया गया। अगर 26/11 में कसाब नहीं पकड़ा जाता तो शायद उसका इल्जाम भी हिन्दुओं पर आता। रमेश उपाध्याय ने बताया कि ऐसी संभावना है, कि साध्वी प्रज्ञा पर पीएम मोदी का नाम लेने को लेकर दबाव बनाया गया हो लेकिन उन्हें नहीं कहा गया, किसी अन्य आरोपी ने भी यह बात नहीं कही।”
- श्याम शाहू ने बताया कि “पूरी कहानी बताने में काफी समय लग जाएगा। देश का दुर्भाग्य है, कि कुछ पार्टियों ने फायदे के लिए हिंदू धर्म को बदनाम किया। इन लोगों को किसी एक व्यक्ति की जिंदगी से लेना देना नहीं था। तब चुनाव थे और वोट की राजनीति के लिए ऐसा किया गया। केवल फायदे के लिए हिंदू और भगवा आतंकवाद का नाम लिया। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि हेमंत करकरे से उनकी बात होती थी, सवाल है कि उनका केस से क्या लेना देना था, उनका क्या कनेक्शन था।”
- सुधाकर चतुर्वेदी ने बताया कि “23 अक्टूबर 2008 को मुझे गिरफ्तार कर कालाचौकी पुलिस स्टेशन लाया गया और मारपीट की गई। 19 नवंबर तक मैं ठाणे जेल में था। ट्रायल कोर्ट में हमारी बात नहीं सुनी गई। बाद में NIA ने कहा कि बम मेरे घर में रखा गया। आज भी वो API खुला घूम रहा है, पूरा केस ही फ्रेम किया गया। हमने तब जिसका नाम लिया उसको उठा लिया जा रहा था। पृथ्वीराज चव्हाण कहते हैं, भगवा आतंकवाद, अब भी शर्म नहीं आ रही, उनको जो 2 झापड़ मार देगा उनको दो लाख रुपए इनाम दूंगा।”
- मेजर रमेश उपाध्याय ने कहा कि “हमने जस्टिस देख लिया, न्याय देख लिया। पहला न्याय भगवान ने किया। कसाब ने हेमंत करकरे को मार दिया, दूसरा न्याय इंसान ने हम बरी हुए। अब बस यह देखना बाकी है कि जिन्होंने हमारे साथ यह किया उन्हें सजा मिले।” रमेश उपाध्याय ने आगे कहा कि “जहां पर ब्लास्ट हुआ वहां शकील गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट का एक दफ्तर था और उसके ऊपर सिमी का ऑफिस था। जांच में कितना आया या नहीं आया वह नहीं पता लेकिन यह जरूर कहूंगा कि हो सकता है। वहां कोई बम बना रहा हो और उस दौरान ब्लास्ट हो गया हो।”
- राकेश धावड़े ने बताया कि “जब मुझे गिरफ्तार किया तो बताया नहीं गया कि क्यों हमारे पास आए। उन्होंने धमकी दी और कुछ नाम पूछे कहा किसी को जानते हो? मैं कर्नल पुरोहित को जानता था, उनका नाम लिया और कहा गया कि चलिए आपको सुबह छोड़ देते है और फिर 10 साल बाद न्यायालय ने छोड़ा।”
- जगदीश म्हात्रे ने कहा कि “मेरा गुनाह केवल इतना था कि मैं राकेश धावड़े का दोस्त था। न्यायालय का धन्यवाद।”
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